केंद्रीय योजनाओं के लिए अब सभी बैंकों को देना होगा कर्ज: नितिन गडकरी

 


केंद्रीय योजनाओं के लिए अब सभी बैंकों को देना होगा कर्ज: नितिन गडकरी


केंद्रीय परिवहन और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि साल 2025 तक 16 करोड़ रोजगार देने का लक्ष्य है। अभी देश के निर्यात का 38 फीसदी लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्योगों की वजह से हो रहा है। अभी यह उद्योग 11 से 12 करोड़ लोगों को रोजगार दे रहा है। नोटबंदी और जीएसटी के चलते प्रभावित हुआ एमएसएमई उद्योग अब इससे आगे निकल गया है। साढ़े छह लाख एमएसएमई यूनिट का पुर्नगठन हो गया है।


 

चर्चा के दौरान कोरोना वायरस से फैलने वाली महामारी के भारत पर पड़ने वाले असर के सांसदों के सवालों पर गडकरी ने कहा कि सदस्यों की चिंता वैध है। कोरोना ने कुछ हद तक बाजार को प्रभावित किया है। इसके लिए वित्त मंत्री ने एक बैठक भी बुलाई है जिसमें उन्होंने  भी कुछ सुझाव दिए हैं। राज्यसभा में बृहस्पतिवार को लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्योगों के बजट प्रावधानों पर चर्चा के जवाब देते हुए केंद्रीय परिवहन और एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने यह जानकारी दी। 

नितिन गडकरी ने कहा कि 6 लाख एमएसएमई इकाइयों का पुर्नगठन कर दिया गया है। सभी बैंकों को इस पर काम करने के लिए कहा गया है। मंत्रालय ने इसके लिए एक आदेश निकाला है। बैंकों को एक एजेंडा दे दिया गया है कि उन्हें सरकार द्वारा बनाई गई सभी योजनाओं के लिए लोगों को कर्ज देना होगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उनके पास पूरा डेटा है कि देश में किस बैंक में कितने लोगों ने कर्ज के लिए आवेदन किया और किसे कर्ज मिला है। केंद्रीय मंत्री ने कहा मंत्रालय के पास 10 हजार करोड़ का कॉर्पस फंड है। बैंक जो एमएसएमई को कर्जा देता है मंत्रालय बीमा कवर देता है। इसमें एमएसएमई को बैंक से मिलने वाली एक लाख करोड़ की देनदारी पर 75 फीसदी रकम का बीमा कवर मंत्रालय का जिम्मा है। बैंक लघु और सीमांत उद्योगों को दिए जाने वाले कर्ज का केवल 25 फीसदी रिस्क कवर करते हैं।

उन्होंने कहा कि छोटे और मझोले उद्योगों के विकास में महिलाओं को वरीयता दी जा रही है। 5 साल में 10 लाख महिलाओं को स्फूर्त योजना में सोलर चरखे के माध्यम से अजीविका दी जाएगी। नितिन गडकरी ने कहा कि इस साल सात हजार 11 करोड़ का बजट रखा गया है। 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था को प्राप्त करने के लिए ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में संतुलन बनाना होगा। एमएसएमई ऐसा प्रावाधान कर रहा है कि गांव के लोगों को अब रोजगार की तलाश में शहरों का रुख नहीं करना होगा। वह लघु और कुटीर उधोगों के माध्यम से स्वयं रोजगार सजत करेंगे। 

उन्होंने कहा कि जल्द ही एमएसएमई की नई परिभाषा उद्योग की पृष्ठभूमि को ही बदल देगी। चर्चा पर बोलते हुए कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने गडकरी की तारीफ करते हुए उनसे जीएसटी और नोटबंदी केचलते प्रभावित हुए लघु और सीमांत उद्योगों पर स्थिति साफ करने के कहा। उन्होंने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी ने तिरुपुर अवाड़ी, अलीगढ़, हावड़ा, जांलधर, लुधियाना हर तरफ लघु और कुटीर उद्योगों के हालात खराब हैं। 

किसानों को बांस की खेती और उसे काटने की अनुमति दी

नितिन गडकरी ने कहा पर्यावरण के नाम पर बांस काटने पर रोक थी। मोदी सरकार ने किसानों को बांस की खेती और उसे काटने की अनुमति दी। ताकि हम भी चीन के 50 हजार करोड़ के बांस उद्योग का मुकाबला कर सकें। इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सुबह चाय के साथ मिलने वाले सभी अखबार विदेशी पेपर पर छपते हैं। देश में पेपर मिलों को बंद कर दिया। इसके चलते देश का लाखों करोड़ रूपया पेपर मंगाने पर खर्च हो रहा है। हम 40 हजार करोड़ का पेपर कनाडा और दक्षिण अफ्रीका से मंगाते हैं। 20-25 हजार करोड़ की लकड़ी मंगाते हैं, हमारे पास वेस्ट लैंड हैं उसका सदुपयोग करना होगा। 

उन्होंने कहा, इसके अलावा दिल्ली समेत समूचे एनसीआर को हर साल वायु प्रदूषण की मार से बचने के लिए पराली से बायो सीएनजी निकालने की योजना पास हो गई है। इसके लिए लुधियाना में प्लांट लग रहा है। इसे विस्तार देने के लिए मंत्रालय ने योजना तैयार की है। गांवों में हजारो प्लांट लगाएंगे इससे किसानों को रोजगार भी मिलेगा। यह पर्यावरण के लिए भी कारगर होगा। उन्होंने कहा कि देश का विकास करने के लिए ग्रामीण, कृषि, जंगल वनवासी और 115 जिलों के लिए अलग से सोचना होगा। अलग विकास की योजना और वहां की परिस्थितियों को देखते हुए रोजगार उत्पन्न करने का सोचना होगा।