गुजरात के आयुर्वेद संस्थानों को राष्ट्रीय महत्व का दर्जा देने वाला बिल पास

 


गुजरात के आयुर्वेद संस्थानों को राष्ट्रीय महत्व का दर्जा देने वाला बिल पास 


गुजरात के जामनगर स्थित तीन आयुर्वेद संस्थानों को राष्ट्रीय महत्व का दर्जा देने वाला आयुर्वेद शिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान विधेयक लोकसभा में गुरुवार को ध्वनि मत से पारित हो गया। इसमें आयुर्वेद के तीन संस्थानों के क्लस्टर को जामनगर स्थित गुजरात आयुर्वेद विश्वविद्यालय के परिसर में शामिल कर राष्ट्रीय महत्व का दर्जा प्रदान किया जाएगा। इस दौरान कांग्रेस ने कुछ संशोधन प्रस्ताव दिए जिन्हें ध्वनिमत से खारिज कर दिया गया। 


 

बिल पर बहस के दौरान आयुष राज्यमंत्री श्रीपद नाइक ने कहा, 'भारत की प्राचीन आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में दुनिया भर के लाग में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। ऐसे में इसके शोध संस्थानों को राष्ट्रीय महत्व का दर्जा देना किसी हाल में गलत नहीं है।' उन्होंने बताया कि दुनियाभर के 14 राष्ट्रों के साथ आयुर्वेद को लेकर करार हुआ है। 58 देशों में 28 सूचना केंद्र आयुर्वेद का प्रचार कर रहे हैं। क्लस्टर में आयुर्वेद परास्नातक शिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान, गुलाबकुंवरबा आयुर्वेद महाविद्यालय एवं आयुर्वेद औषधि विज्ञान संस्थान को शामिल किया जाएगा। 

मुंहासे का इलाज टूथपेस्ट से करता हूं : प्रीतम मुंडे 
भाजपा सांसद एवं चर्मरोग विशेषज्ञ प्रीतम मुंडे ने कहा, मैं मुंहासों के उपचार में अंग्रेजी  क्रीम के बजाय आयुर्वेदिक टूथपेस्ट का इस्तेमाल करती हूं। क्योंकि इसमें जैतून का तेल होता है जो मुंहासों को ठीक करता है। उन्होंने कहा, 'मेरे कुछ डॉक्टर साथी इस पर हंस सकते हैं।' 

केरल पर ध्यान देने की मांग 
केरल के सांसदों ने इस दौरान कहा कि केरल आयुर्वेद का गढ़ है। ऐसे में सरकार को इस राज्य पर भी ध्यान देना चाहिए। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, 'यह स्वागत योग्य बिल है, लेकिन इसमें निराशा भी है क्योंकि आयुर्वेद के लिए प्रसिद्ध केरल को इसमें नजरंदाज किया गया है।' थरूर के अलावा केसीएम के सी थॉमस, आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन और मुस्लिम लीग के ईडी मोहम्मद बशीर ने भी केरल पर ध्यान देने की मांग उठाई। कांग्रेस के एंटो एंटनी ने केरल में आयुर्वेद संस्थान खोलने की मांग की।